इन्दु वटी (Indu Vati) के सेवन से कर्णवाद (कानों में आवाज आना) आदि वातज
रोग और विविध प्रकार के प्रमेहो का नाश होता है। यह औषध त्रिदोषनाशक, आम (अपक्व अन्न रस जो शरीर में रोग पैदा करता है)
शोषक, शरीर पोषक और रक्तवर्धक है। इन्दु वटी
के सेवन से कफ और वायु द्वारा उत्पन्न हुये विकार शीघ्र नष्ट हो जाते है। ऊर्ध्व
जत्रुगत (गले के ऊपर के) विकारों में श्लेष्म (कफ) और वायु का आधिक्य पाया जाता है।
इनके नाश करने के लिये यह औषध उपयोगी है। कर्णनाद,
जिसका कारण नासिका, कंठ और गले की श्लेष्मकलाओं में दिर्धकाल
से शीत और रुक्ष गुण द्वारा प्रकुपित वायु का कारण माना जाता है तथा यकृत (Liver) शैथिल्य या यकृत आवरण की श्लेष्मकलाओं में वात संचय
के कारण निष्क्रियता भी इस रोग का कारण बन जाती है,
इसी प्रकार अंत्र (Intestine) में सतत वायु के संचय और प्रकोप के कारण
यह रोग उत्पन्न हो सकता है। इन सभी करणों को दूर करने के लिये यह इन्दु वटी उपयोगी
है।
मात्रा: 1-1
गोली। आंवले के रस में घोटकर सेवन करें। सुबह-शाम।
इन्दु वटी घटक
द्रव्य तथा निर्माण विधि
(Indu Vati Ingredients): शुद्ध
शिलाजीत, अभ्रक भस्म और लौह भस्म, प्रत्येक 4-4 भाग तथा स्वर्ण भस्म 1 भाग। सबको एकत्र
खरल करके मकोय, शतावर,
आंवला और कमल के रस में पृथक-पृथक भावना देकर 2-2 रत्ती (1 रत्ती=121.5 mg) की गोलियां बनालें।
Ref: भारत भैषज्य रत्नाकर-458
Indu
Vati is useful in disease of the ear. It also balances three doshas (Wind,
Bile, Kapha).
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I am suffering from tinnitus. Do you know any pharmacy selling Indu vati?
जवाब देंहटाएंplease advice. Thanks!
Sir I need this Indu Vati for snoring... Apake pass available hai kya sir please reply as possible...
जवाब देंहटाएंIf you couldn't find Indu Vati, no problem, you can try Sarivadi Vati =https://www.ayurvedanetworks.com/2018/12/benefits-of-sarivadi-vati.html
हटाएंमुझे contact no. दिजिए।
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