कनक सुंदर रस
(Kanak Sundar Ras) को सेवन करने से
संग्रहणी, अग्निमांद्य, बुखार और प्रबल अतिसार (Diarrhoea) का नाश होता है। यह औषध रोधक होने के अतिरिक्त पाचक, आम (अपक्व अन्न रस जो शरीर में रोग पैदा करता है) शोषक और अग्निवर्धक है। इसका सेवन पुरातन संग्रहणी
में भी किया जाता है। क्षिणाग्नि मनुष्यों को,
जिनको कालांतर से अपक्व मल निस्सरण हो जाता है,
दी जाय तो बहुत लाभप्रद सिद्ध होती है।
मात्रा: 1 से 2
गोली तक। छाछ, जल अथवा जीरे के क्वाथ के साथ।
कनक सुंदर रस घटक द्रव्य और निर्माण विधि (Kanak Sundar Ras Ingredients): शुद्ध शिंगरफ, कालीमिर्च, शुद्ध गंधक, सुहागे की खील, पीपल,
शुद्ध मीठातेलिया (वच्छनाग) और धतूरे के बीज। सब द्रव्य समान भाग लें। सबका चूर्ण
बनाकर 1 प्रहर तक भांग के रस में घोटकर 2-2 रत्ती की गोलियां बनावें। (1 रत्ती = 121.5
mg)
Ref: रसेंद्र सार संग्रह
Kanak
Sundar Ras is useful in sprue, indigestion, fever and diarrhoea.
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