यह एलादि मंथ अत्यंत
मेघावर्धक, बुद्धिको शुद्ध करनेवाला, नेत्रके लिये हितकारक और आयुवर्धक है। तथा राजयक्ष्मा (T.B.), शुल, पाण्डु और भगंदर (Fistula et ano)को नष्ट करता है। इसके सेवनमें कुच्छ भी
अपथ्य नहीं है फिर भी जो प्रकृतिके विरुद्ध हो उससे दूर रहना चाहिये।
मात्रा: 1 से 2 तोले प्रातःकाल देवे। ऊपर गौ अथवा बकरीका
गुनगुना दूध पिलावे। इस तरह रात्रीको भी सोनेके आधे घंटे पहले दे सकते है। (1 तोला = 11.6638
ग्राम)
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