कफ कर्तरी रस
(Kaf Kartari Ras) के सेवन से
खांसी, हिक्का,
श्वास आदि रोग नष्ट होते है। यह औषध दिर्धकाल से आनेवाले श्वास और कास (खांसी)
जिनमें वात प्राबल्य के कारण फुफ्फुस तथा कासनलिकाये शुष्क होकर संकुचित हो जाती
है उनमें कफकर्तरी रस का सेवन बहुत ही उपयोगी है। यह आक्षेपनाशक, सरलता से कफ को निकालनेवाली तथा सारक है।
कफ कर्तरी रस घटक द्रव्य और निर्माण विधि (Kaf Kartari Ras Ingredients): जावित्री 2 तोला, जायफल 2 तोला, पुराना बांस 4 तोला, पुनर्नवामूल 4 तोला,
कटेली के फल 2 तोला और गांजे की भस्म 2 तोला तथा अपामार्ग 1 सेर। प्रथम अपामार्ग
को कढ़ाई में डाले। तदनंतर अन्य द्रव्यों को उसके ऊपर डाले और मंदाग्नि से इन सब
द्रव्यों की भस्म तैयार कारले और तैयार होने पर खरल करके शीशी में भरकर प्रयोगर्थ
रक्खें।
Kaf
Kartari Ras is useful in cough, asthma and hiccup.
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