गुरुवार, 20 जून 2019

शीघ्रपतन का इलाज Shighrapatan Ke Upay | Premature Ejaculation Treatment


शीघ्रपतन रोग परिचय: संभोग के समय शिश्न योनि में प्रवृष्ट करने से पहले अथवा प्रवृष्ट करते समय ही इस रोग में तुरंत वीर्य निकल जाता है। प्राकृतिक स्तंभन शक्ति 2 से 5 मिनट तक होती है। इससे अधिक देर तक संभोगरत रह पाना जोड़े का संयम-धारण तथा विशेष प्रेमलाप एवं उत्तम स्वास्थ्य के कारण संभव हुआ करता है, किन्तु 2 मिनट से भी कम स्तंभन शक्ति रखने वाला पुरुष शीघ्रपतन का रोगी कहलाता है। शीघ्रपतन का कारण मैथुन इच्छा की अधिकता, हस्त मैथुन, वीर्य प्रमेह (पेशाब के साथ वीर्य का जाना), वीर्य की अधिकता, गुदा संभोग करना, अत्यधिक मैथुन करना, वीर्य की गर्मी, अधिक आनंद प्राप्ति की कामना से बाजारू तिलाओं की अत्यधिक मालिश करना, दिल, दिमाग और यकृत की कमजोरी, वीर्य का पतलापन, मूत्राशय में रेत, पेट में कीड़े, स्त्री के गुप्त अंग का तंग और शुष्क होना, लिंग की सुपारी पर मैल जमना, सुपारी की बवासीर, सुजाक, मूत्र मार्ग की खराश, प्रोस्टेट ग्लेन्द की सूजन इत्यादि होता है।

शीघ्रपतन का इलाज Shighrapatan ke upay (Premature Ejaculation Treatment)    

सत्व गिलोय और वंशलोचन लेकर कूटपीसकर सुरक्षित रखलें। प्रतिदिन यह 2 ग्राम औषधि शहद के साथ सेवन करने से 1 सप्ताह में वीर्य गाढ़ा हो जाता है और स्वतः स्खलित नहीं होता है। अपूर्व वीर्य स्तंभक योग है।

अकरकरा, सौंठ, कपूर, केसर, पीपली, लोंग प्रत्येक 12 ग्राम लेकर कूटपीसकर छानकर चने के आकार की गोलियाँ बनाकर सुरक्षित रखलें। यह 1-1 गोली प्रातःसायं दूध से खायें। ऐसे रोगी जो काफी इलाज करवाकर निराश हो गये हों, इस योग का सेवन करें।

कौंच के बीज और तालमखाना समान मात्रा में लेकर कूट पीसकर छानकर सुरक्षित रखलें। इसे 3 ग्राम की मात्रा में (संभोग का परहेज रखते हुए) निरंतर 1 मास तक दूध के साथ खाने से शीघ्रपतन रोग नष्ट हो जाता है तथा रोगी को स्त्री के सामने फिर कभी दुबारा जीवन में शर्मिंदगी उठानी नहीं पड़ती है।

बहुफली का चूर्ण 5 ग्राम की मात्रा में 15 दिन खा लेने से शीघ्रपतन का रोग दूर हो जाता है।

स्पीमेन फोर्ट (हिमालया ड्रग्स) (Speman Forte Himalaya) दिन में 1-2 टिकिया निरंतर खाते रहने से भी शीघ्रपतन रोग दूर हो जाता है।   

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