यह द्राक्षावलेह
अम्लपित्त (Acidity), रक्तपित्त,
दाह (जलन), पांडु (Anaemia),
कामला (Jaundice), क्षय,
भ्रम (चक्कर), शोथ (सूजन), शिरदर्द, अतिसार (Diarrhoea),
अरुचि, मंदाग्नि और रक्तार्श (खूनी बवासीर) में
जलन इत्यादि को दूर करता है।
मात्रा: 1 से 2
तोले (1 तोला=11.66 ग्राम) दिन में 2
बार दूध के साथ।
घटक द्रव्य (Drakshavaleha Ingredients): मुनक्का,
गाय का घी, शक्कर,
जायफल, जावित्री,
छोटी इलायची, वंशलोचन,
लौंग, दालचीनी,
तेजपात, नागकेशर,
कमलगट्टे की गिरी और केशर।
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