पंचनिम्ब चूर्ण के
सेवन से सब प्रकार के कुष्ठ रोगों (Skin Diseases) का एक मास में शमन होता है, दूषि विष (जहर) के उपद्रव रूप और पाचनक्रिया-विकृति से
होनेवाले कुष्ठ, सब दूर होते है, एवं भगंदर, श्लीपद (हाथीपगा), वातरक्त (Gout), नाड़ीव्रण (Sinus), विषप्रकोप, सब प्रकार के प्रमेह, रक्तविकार (Blood Disorder), उपदंश (Soft
Chancre) के उपद्रव रूप कुष्ठ, प्रदर, शिरदर्द,
पेट पर चरबी और कृशता आदि रोग भी नष्ट होते है। इस चूर्ण के सेवन से रोगी सब प्रकार
के रोग (पचनेन्द्रिय की विकृतिजनित और त्वचारोग) तथा जरावस्था (वृद्धावस्था) की निर्बलता
से मुक्त होकर चंद्र के समान कान्तिवाला बनता है।
मात्रा: 6 ग्राम से
12 ग्राम तक खैर की छाल के काढ़े के साथ दें।
घटक द्रव्य: निम्ब
पंचांग (जड, पत्ती,
फूल, फल और छाल), लोह भस्म, छोटे हरड़,
पुवाड के बीज, चित्रकमूल,
भिलावा, वायविडंग,
मिश्री, आंवला,
हल्दी, पीपल,
कालीमिर्च, सौंठ,
बावची, अमलतास का गुदा और गोखरू। भावना: खैर की छाल।
Highly informative and very good
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