शनिवार, 15 सितंबर 2018

अश्वगंधा के फायदे / Benefits of Ashwagandha


अश्वगंधा एक बहुत ही प्रचलित आयुर्वेदिक औषधि है। इसको इंडियन जीन्सेंग भी कहा जाता है और यह यथार्थ भी है। इसके पौष्टिक गुण की वजह से इसे नामर्दी और कृशता को दूर करने के लिये आयुर्वेद मे अव्वल दर्जा मिला है। अश्वगंधा के मूल में से घोड़े जैसी गंध आती है इस लिये इसे अश्वगंधा कहा जाता है और दूसरा इसके सेवन से घोड़े जैसी ताकत मिलती है।

अश्वगंधा रसायन, धातुवृद्धिकर, शरीर को ताकत देने वाली, शरीर की कांति को बढ़ाने वाली और शरीर को पुष्ट करने वाली, वृष्य (पौष्टिक), उष्ण (गर्म) और लघु (जो तुरंत पचन हो जाती है और कफ का नाश करती है) है।

अश्वगंधा के सेवन से कृशता, नपुंसकता, वीर्य का पतलापन, शीघ्रपतन, वायु, कफ, वृद्धावस्था की निर्बलता यह सब रोग दूर होकर शरीर पुष्ट और कांतिवान बन जाता है। इसके सेवन से घोड़े जैसी समागम (sex) की ताकत मिलती है। स्त्री, पुरुष, बालक, वृद्ध सब सेवन कर सकते है।

आज के भाग-दौड़ के जमाने में मन की शांति मिलना बहोत ही मुस्किल है। आज हर कोई चिंता रोग (stress) से पीड़ित है। चिंता की वजह से भूख नहीं लगती, पचन-शक्ति निर्बल हो जाती है और अन्न का योग्य पचन न होने से कब्ज भी रहता है और धीरे-धीरे मनुस्य इस आग में जलकर बिलकुल अशक्त बन जाता है। इस चिंता रोग से निपटने के लिये अश्वगंधा श्रेष्ठ है।

अश्वगंधा ऐक ऐसी औषधि है जो दिमाग के वायु को शांत करती है। इसके सेवन से धीरे-धीरे मन शांत होने लगता है और चिंता रोग नष्ट हो जाता है। इस हेतु से पूरा शरीर पुष्ट होने लगता है और जवानी वापस आ जाती है। हमने अश्वगंधा चूर्ण का प्रयोग किया हुआ है और सफल पाया है। स्त्रियों के कमर दर्द और श्वेतप्रदर (white discharge) में भी यह बहोत फायदेमंद है।

वीर्यवृद्धि के लिये अश्वगंधा चूर्ण को घी और शहद के साथ शाम को ले कर ऊपर दूध पिये। याद रखे घी और शहद को कभी बराबर मात्रा (Equal Proportion) में न ले। बराबर मात्रा में लेने से यह विष (जहर) बन जाता है। या तो घी को शहद से कम ले या शहद को घी से कम ले। (Take in unequal proportion) 

अश्वगंधा चूर्ण एक ग्राम और गिलोय चूर्ण एक ग्राम सुबह-शाम लेने से सर्व रोग नष्ट होते है। अश्वगंधा गर्म होती है इस लिये जिनको अम्लपित्त (acidity) हो वह अश्वगंधा के साथ शतावरी चूर्ण मिलाकर सेवन करें।

मात्रा: 5 से 10 ग्राम दूध के साथ सुबह-शाम। (1 छोटा चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ)

अश्वगंधा से बनी आयुर्वेदिक दवाएं:

अश्वगंधादिचूर्ण: यह धातुपौष्टिक, वीर्य वर्धक, पौष्टिक तथा बाजीकर है। शरीर की झुर्रियों को दूर करता है।

अश्वगंधा पाक: पौष्टिक, वीर्य वर्धक, नपुंसकता नाशक और स्तंभन सकती को बढ़ता है और शरीर को पुष्ट करता है।

अश्वगंधारिष्ट: दिमागी ताकत बढ़ाने और शरीर को पुष्ट करने में विशेष लाभकारी है। मूर्छा (बेहोशी), अकारण भय, दिल की घबराहट, चित्तभ्रम, अनिंद्रा, याददश्त की कमी, मंदाग्नि, बवासीर, कब्ज, काम में चित्त न लगना, स्नायु दुर्बलता व कमजोरी दूर करता है। बुद्धि, बल, वीर्य बढ़ाता है।

अश्वगंधा धृत: यह बालको के लिये बहुत ही उपयोगी है। 3 ग्राम से आधा चम्मच तक सुबह-शाम दे सकते है। इसके सेवन से शरीर और दिमाग सशक्त बनता है। यह बहुत ही पौष्टिक है।

Ashwagandha is general tonic and it is aphrodisiac. It is useful in stress, weakness, weakness due to old age, impotency and low sperm count. Ashwagandha is very effective in reducing stress and it cures hypertension.

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