रविवार, 16 सितंबर 2018

अश्वगंधारिष्ट के फायदे / Benefits of Ashwagandharishta

अश्वगंधारिष्ट अग्नि को प्रदीप्त करनेवाला, पाचक, पौष्टिक और वातनाशक है। 20 प्रकार के प्रमेह, नामर्दी (Impotency), उन्माद (Insanity), बवासीर, मूर्छा (बेहोशी), मस्तिष्क की निर्बलता,  शिर में चक्कर आना, मृगी (Epilepsy), वातव्याधि (शरीर में किसी अंग में दर्द या पूरे शरीर में दर्द), ह्रदय रोग इत्यादि को दूर करके शरीर में स्फूर्ति, वीर्य की शुद्धि और वृद्धि करता है।

अश्वगंधारिष्ट हिस्टीरिया (Hysteria), मूर्छा और उन्माद के लिये उत्तम औषधि है। यह पेट में रहे आमविष (अपक्व अन्न रस)को नष्ट करता है। अतः आमवात (Rheumatism) के मंद वेग होने पर इसका अच्छा उपयोग होता है। यह अग्निप्रदीपक होने से पचन-विकृति को दूर करता है; वातवाहिनिया और रस, रक्त आदि धातुओं को सबल बनाता है। प्रसूता की निर्बलता को दूर करने में हितावह है। नपुंसकता, जो शारीरिक निर्बलता के हेतु से आई हो, उसे दूर कर उत्साह की वृद्धि करता है।

अश्वगंधारिष्ट को प्रतिदिन 10 से 20 ml की मात्रा में सेवन करने से मूर्च्छा, अपस्मार (Epilepsy), दारुण उन्माद (Insanity), कृशता (दुबलापन), बवासीर, अग्निमांद्य और वातज रोगों का नाश होता है।

अश्वगंधारिष्ट वीर्यवर्धक, रक्तशोधक, रक्तवर्धक, वातनाड़ी पोषक, ह्रद्य (ह्रदय को बल देनेवाला), जलन नाशक, अग्निवर्धक और पेट को शुद्ध करनेवाला है। इसके सेवन से प्रमेह, वीर्यस्त्राव, शरीर में जलन, चक्कर, मूर्च्छा, मगज की निर्बलता और ओज (रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र – ये सात धातु है – इन सातों के सार यानि तेज को “ओज” कहते है, उसे ही शास्त्र के सिद्धान्त से “बल” कहते है। ओज प्राणो का उत्तम आहार है।) की कमी का नाश करता है।

अश्वगंधारिष्ट का सेवन रक्तचाप की वृद्धि (High Blood Pressure) में भी लाभप्रद है। इसके सेवन से शिरा और धमनियो की ऊष्माजन्य विकृति नष्ट होती है तथा ह्रदय को पुष्टि प्राप्त होती है।

मात्रा: 10 से 20 ml बराबर मात्रा में पानी मिलाकर सुबह-शाम।

अश्वगंधारिष्ट घटक द्रव्य: अश्वगंधा 3 सेर 10 तोला, सफेद मूसली 1.25 सेर, मंजिष्ठा, हरड़, दारूहल्दी, हल्दी, मुलेठी, रास्ना, विदारीकंद, अर्जुन की छाल, नागरमोथा और निसोत प्रत्येक 50-50 तोले; अनंतमूल, काली निसोत, सफेद चन्दन, लाल चन्दन, बच और चित्रकमूल प्रत्येक 40-40 तोले; धाय के फूलो का चूर्ण 1 सेर और गुड 18.75 सेर; त्रिकटु 15 तोले, त्रिजात (तेजपात, दालचीनी, इलायची) 20 तोले, फूलप्रियंगु 20 तोले और नागकेशर 10 तोले।

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