कर्पूरादि वटी (Karpuradi Vati) के
सेवन से सब प्रकार की खांसी दूर होती है। विशेषतः वातप्रकोप से उत्पन्न सुखी खांसी, जिसमे कफ नहीं आता और रोगि कों अति खाँस होता है, निंद्रा भी पूरी नहीं आ सकती, वह 5-7 रोजमे ही शांत हो जाती है।
वायु के प्रकोप
से जब खांसी होती है तो रात को खांसी का वेग बहोत ज्यादा होता है और रोगी को बहोत
ज्यादा खाँसना पडता है; इस वजह से रात को नींद भी नहीं आती। कर्पूरादि
वटी (Karpuradi Vati) के सेवन से खांसी थोड़े ही दिनो मे शांत हो जाती है।
खांसी के लिए
कर्पूरादि वटी के उपरांत एलादी वटी, मरीचादि वटी, लवंगादि वटी और व्योषादि वटीका भी उपयोग किया जाता
है।
मात्रा: 1-1 गोली
दिनमे 10-15 बार मुंहमे रख कर चूँसे।
कर्पूरादि वटी घटक द्रव्य (Karpuradi Vati Ingredients): कपूर, अनार (दाड़िम) के फल की छाल और लौंग 1-1 तोले; कालीमिर्च, पीपल, बहेड़े की छाल और कुलिंजन
2-2 तोले तथा सफेद कत्था 11 तोले। भावना: बबूल की छाल का क्वाथ।
Karpuradi
vati is useful in cough and dry cough.
Good
जवाब देंहटाएंअधिक गोली खाने से या दातो को तोड़वाने के वजह से जीभ में जलन हो रहा अब परेशानी पेट से है तो कृपया उसे शांत करने के लिये आयुर्वेदिक दवा बताइये
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