सोमवार, 30 नवंबर 2020

विदारीकंद के फायदे / Vidari Kand Benefits

विदारीकंद (Vidari Kand) की बेल होती है, इसके मूल में जो कंद होता है उसको विदारीकंद या बिलाई कंद भी कहते है। विदारीकंद का उपयोग आयुर्वेद में शक्ति वर्धक, वीर्यवर्धक और शरीर को पुष्ट करनेवाली औषधियों में होता है, साथ-साथ यह वात-पित्त नाशक है।

विदारीकंद (Vidari Kand) ठंडा, शरीर को पुष्ट करनेवाला, रसायन (वृद्धावस्था को दूर करनेवाला), पौष्टिक, मधुर रसयुक्त, जीवन शक्ति को पोषण देनेवाला, शरीर में बल की वृद्धि करनेवाला, स्वर को उत्तम करनेवाला, मूत्रल और स्तनों में दूध बढ़ानेवाला है।

आयुर्वेद की पौष्टिक और वीर्यवर्धक औषधियों में इसका उपयोग होता है। यह वात-पित्त नाशक होने से वात-पित्त को नष्ट करनेवाली औषधियों में भी इसका उपयोग होता है। यह पित्त की तीक्ष्णता को कम कर पित्त की वृद्धि को रोक देता है, इसलिये पित्त की वृद्धि जन्य रोगों में इसका उपयोग होता है, दूसरा यह कंठ की विकृति को दूर करता है, इसलिये कंठ को सुधारनेवाली औषधियों में इसका उपयोग होता है।   

आयुर्वेदिक औषधियों में विदारीकंद को मिलाने के कारण: Vidari Kand Benefits

वात-पित्त को नष्ट करने के लिये (यह पित्त की तीक्ष्णता को कम कर पित्त की वृद्धि को रोक देता है) (दशमूलारिष्ट)

यह कंठ की विकृति को दूर करता है, इसलिये कंठ को सुधारनेवाली औषधियों में इसका उपयोग होता है।

यह पौष्टिक, शक्तिवर्धक, वीर्यवर्धक और रसायन होने से रसायन, वाजीकरण और पौष्टिक औषधियों में विदारीकंद का उपयोग होता है। (कामदेव धृत, अमृतप्राश अवलेह, अमीरी जीवन, मदनानंद मोदक, पूर्णचंद्र रस, विदारी चूर्ण, कामेश्वर मोदक, धातु पुष्टि चूर्ण, अश्वगंधारिष्ट, सारस्वतारिष्ट आदि)     

स्नेहन गुण के लिये (स्नेहन औषधियाँ शरीर में मृदुता (चिकनापन) को बढ़ाती है। विदारी कंद तथा मुलेठी आदि औषधियाँ स्नेहन है। विरेचक औषधियों में भी स्नेहन औषधि का उपयोग होता है, क्योंकि विरेचक औषधि आंतों की श्लेष्मिक कला (चिकनी त्वचा) को सूखा देती है, इसलिये श्लेष्मिक कला को चिकनी रखने के लिये स्नेहन द्रव्य का उपयोग होता है। विरेचक द्रव्यों के साथ खासकर मुलेठी का उपयोग अधिक होता है।

विदारीकंद ठंडा होने से कभी-कभी गरम औषधियों की उष्णता को कम करने के लिये भी इसका उपयोग होता है। यह ठंडा और पित्त शामक होने से शरीर में होनेवाली जलन को भी नष्ट करता है।  

संक्षेप में विदारीकंद (Vidari Kand) शरीर पोषक, बल वर्धक, वीर्यवर्धक, वात-पित्त नाशक तथा रसायन औषधि है। कई पेटंटेड शक्तिवर्धक औषधियों में इसका उपयोग होता है।    

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