बालचातुर्भद्र
चूर्ण
(Balchaturbhadra Churna)
बालकों के बुखार, अतिसार (Diarrhoea),
खांसी और उल्टी में इसका प्रयोग करें। इसे छोटे बच्चों को आधा से एक ग्राम तक तथा
बड़ी आयु के रोगियों को 2 से 3 ग्राम तक शहद, आर्द्रक स्वरस तथा तुलसी स्वरस के साथ
देना चाहिये।
अतीस बालकों के लिये
एक हितकर औषधि है, काकड़ा सिंगी बच्चों के लिये हितकारी और खांसी
नाशक है। नागरमोथा शीतवीर्य, अग्निदिपक तथा पाचक है। छोटी पीपल अग्नि को
प्रदीप्त करने वाली, वीर्यवर्धक, रसायन, थोड़ी गरम,
वात और कफ को नष्ट करने वाली है। इनमें से कोई भी औषधि बालकों के लिये हानिकारक नहीं
है। इन सब औषधियों के योग से बालचातुर्भद्र चूर्ण (Balchaturbhadra Churna) अग्नि दीपक, खांसी नाशक, अतिसार नाशक और बुखार नाशक बनता है।
बालचातुर्भद्र
चूर्ण बनाने का तरीका
(Balchaturbhadra
Churna Ingredients): नागरमोथा, छोटी पीपल, अतीस और काकड़ासिंगी प्रत्येक समभाग लें, कपड़छन चूर्ण करके शीशी में भर लेवें।
Ref: सिद्ध योग संग्रह
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