केसर (Kesar) सारे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। भारतवर्ष के अंदर बनने
वाले मिष्टान्नों में इसका प्रचुरता से उपयोग होता है। इसकी विशेष खेती हिंदुस्तान
में कश्मीर में होती है। इसके अतिरिक्त स्पेन से भी बहुत बड़ी मात्रा में केसर यहा आकर
बिकती है। बाजार में असली केसर की जगह नक्ली केसर भी बहुत मिलती है। इसलिये केसर को
लेते समय उसकी असलियत की जांच जरूर कर लेना चाहिये। असली केसर लाल रंग की, बारीक तन्तु वाली,
स्वाद में कड़वी और चिकनी और कमल के समान गंध वाली होती है। केसर को पानी में भिगोकर
कपड़े के ऊपर लगाने से अगर तत्काल पीले रंग का दाग पडे तो उसे असली समझना चाहिये और
अगर उसका दाग लाल रंग का पड़ कर पिर पीले रंग का होजाय तो उसे नक्ली समझना चाहिये। कश्मीर
की केसर उत्तम होती है।
केसर के फायदे / Kesar Ke Fayde
आयुर्वेदिक मत से
केसर (Kesar) कड़वी,
सुगंधित, गरम,
विषनाशक, कृमि नाशक,
विरेचक, पौष्टिक,
सुखी खांसी में लाभदायक तथा गले के दर्द, सिर दर्द,
आधाशीशी, उल्टी,
खुजली, त्रिदोष,
पित्त, चर्मरोग और मस्तक रोग में लाभदायक है। केसर
अत्यंत कामोद्दीपक है और वाजीकरण प्रयोगो में इसका प्रयोग बहुत अधिक होता है।
केसर (Kesar) देशी औषधियों में बहुत काम में ली जाती है। आयुर्वेद की
अपेक्षा भी यह तिब्बी औषधियों में ज्यादा काम में ली जाती है। इसके अग्निवर्धक और आक्षेप
निवारक गुण के कारण इसकी बहुत तारीफ है। उत्तेजक और कामोद्दीपक वस्तु की हैसियत से
यह सर्वोत्तम है। इन गुणों में मटीरिया मेडिका में कोई भी वस्तु इसका मुकाबिला नहीं
कर सकती। सुप्रसिद्ध वाजीकरण योग मदनमंजरी वटी में केसर का योग किया गया है।
ऐसी प्रसिद्धि है
कि केसर (Kesar) के प्रयोग से मोतिझरा (Typhoid), खसरा आदि के दाने जल्दी निकलते है। शिरशूल और क्षत में
बाह्य प्रयोग किया जाता है। केसर के प्रयोग से पेशाब पीला आता है।
कामवर्धक गोली: सोने
के वर्क 1 तोला (1 तोला=11.66 ग्राम), कस्तुरी 2 तोला, चाँदी के वर्क 3 तोला,
छोटी इलायची के बीज 2 तोला, जायफल 6 तोला, वंशलोचन 7 तोला, जायपत्री 8 तोला। इन सब चीजों को लेकर अच्छी
तरह पीस कर तीन दिन तक बकरी के दूध में और तीन दिन तक नागर वेल के पान के रस में घोटकर
2-2 रत्ती (1 रत्ती=121.5 mg) की गोलियां बना लेना चाहिये। इन गोलियों को
मलाई के साथ सेवन करने से धातु क्षीणता मिट कर प्रबल कामोद्दीपन होता है।
हानि: प्रमाण से अधिक
मात्रा लेने पर होश गँवाता है, भूख घटाता है, सिरदर्द पैदा करता है और मांसपेशियों को हानिकारक है।
मात्रा: 2 रत्ती से
6 रत्ती तक।
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