गुरुवार, 14 नवंबर 2019

धाय के फूल के फायदे / Dhay Ke Phool Ke Fyade


धाय के पेड़ छोटे-छोटे होते है, यह पर्वतीय प्रदेशों में अधिक पैदा होते है, इसलिए इसका नाम पार्वती भी है। धाय के वृक्ष के फूलों का ही आयुर्वेद में प्रयोग होता है।

धाय के फूल (Dhay Ke Phool) शीतवीर्य और मदकारक होते है, तृषा, अतिसार, पित्त, रुधिरदोष, विषकृमि तथा विसर्प नाशक है। धाय के फूलों का आसव-अरिष्ट बनाने में मद्यार्क (Alcohol) पैदा करने के लिये होता है। धाय के फूल का काढ़ा 3 दिन तक देने से प्रदर रोग दूर होता है।

धाय के फूल (Dhay Ka Phool) तरल पदार्थों का संयोग पाकर उनमें अल्कोहलिटी उत्पन्न करते है। प्रदर, प्रवाहिका, प्रमेह, मूत्राधिक्य आदि प्रवाहों को रोकनेवाला स्तंभक है। गर्भपोषक और स्थापक भी माना गया है। आयुर्वेदिक औषधों में प्रायः प्रत्येक आसव-अरिष्ट में धाय के फूल लिये जाते है।

धाय के फूल के स्वतंत्र प्रयोग:

1) धाय के फूलों का चूर्ण चावल के धोवन के साथ पीने से श्वेत प्रदर (श्वेत व पित्तवर्ण स्त्रावयुक्त) नष्ट होता है।

2) धाय के फूलों का शर्बत पिलाने से बवासीर में आता हुआ खून बंद हो जाता है।

3) जिन स्त्रियों का गर्भपात हो जाता हो उनका एक महिना पहिले से एक महिना बाद तक धाय के फूलों का चूर्ण का सेवन बहुत लाभदायक रहता है, इससे गर्भपात रुक जाता है।

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