सोमवार, 2 सितंबर 2019

पंचगुण तेल के फायदे / Panchgun Oil Benefits


संधिवात और शरीर के किसी भी अवयव के शूल-दर्द मे हलके हाथ से पंचगुण तेल (Panchgun Oil) की मालिश करें। कर्णशूल मे कान मे डाले। सब प्रकार के व्रणो मे व्रण (घाव) को नीम और संभालू की पत्ती के काथ से धोकर उस पर पंचगुण तेल मे भिगोया हुआ स्वच्छ कपडा रख उसके ऊपर केला, समुद्र शोष, धाय का पत्ता अथवा बड का पत्ता रखकर बांध दे। यह तेल उत्तम वेदना हर (पीडा शामक) और व्रण शोधन (शुद्ध करनेवाला)-रोपण (भरनेवाला) करनेवाला है।

पंचगुण तेल घटक द्रव्य और निर्माण विधि (Panchgun Oil Ingredients): हैड, बहेडा, आंवला प्रत्येक 5-5 तोला तथा नीम और संभाल की पत्ती प्रत्येक 15-15 तोले ले। सबको एकत्र जौकुटा कर, आठ गुने जल मे पका, चौथाई जल बाकी रहने पर कपडे से छान, उसमें तिल का तेल 80 तोले मोम, गंधबिरोजा, शिलारस, राल और गृगल प्रत्येक 4-4 तोला डालकर मन्द आंच पर पकावे। पकते पकते खर पाक होकर तेल अलग हो जाय तब कपडे से छानकर थोडा गरम रहते उसमें कपूर का मोटा चूर्ण 5 तोला डाल, चमचे से हिलाकर मिलादे। ठण्डा होने पर इसमें तार्पीन का तेल, युक्लिप्टस का तेल और केजोपुटी का तेल 2.5-2.5 तोला मिलाकर शीशी में भरले।

Ref: सिद्ध योग संग्रह

Panchgun Oil is useful in joit pain, wound and pain in any part of the body.

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