कर्पूर रस (Karpur Ras) के सेवन से ज्वरातिसार (बुखार के साथ
अतिसार), अतिसार (Diarrhoea),
छे प्रकार की संग्रहणी
(Sprue) और रक्तातिसार का नाश
होता है। यह कर्पूर रस अतिसार, आमातिसार,
प्रवाहिका और बालातिसार की प्रसिद्ध औषध है।
मात्रा:
अवस्थानुसार 2 से 3 गोली तक। मधु, छाछ,
जल तथा अन्य यथोचित अनुपान के साथ।
कर्पूर रस घटक
द्रव्य और निर्माण विधि
(Karpur Ras Ingredients):
शुद्ध शिंगरफ, अफीम,
नागरमोथा, इंद्रजौ,
जायफल और कपूर सब को समान भाग लेवें। तदनंतर खरल करके पानी के द्वारा 2-2 रत्ती की
गोलियां बनावें। (1 रत्ती = 121.5 mg)
Ref: भैषज्य रत्नावली
Karpur
Ras is useful in diarrhoea and sprue.
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