श्वास कुठार रस
(Shwas Kuthar Ras) सब प्रकार के
श्वासों को नष्ट करता है। यह औषध आक्षेपघ्न (आक्षेप को रोकने वाला), कफ-वातध्न (कफ- वात का नाश करने वाला), शोधक, दोषानुलोमक (दोषों की गति को नीचे की तरफ
करने वाला) और पाचक है। वात अथवा कफ द्वारा आक्षिप्त श्वास-कास नलिकाये कर्कश होकर
प्राण वायु (Oxygen) का अवरोध करती है। जिससे श्वास यंत्र विकृत हो जाता है और या
तो उसमें कठिनता उत्पन्न हो जाती है या दुष्ट वायु का अवरोध होकर सतत कर्कश स्वर
की प्रतिध्वनि होती रहती है।
श्वास कुठार रस
(Shwas Kuthar Ras) के सेवन से कफ
विलयन होकर निकल जाता है। श्वास-कास की नलिकाओ का आक्षेप दूर होता है। अवरुद्ध वात
का संशमन हो जाता है और श्वास मार्ग की कर्कशता दूर होकर श्वास यंत्र पुष्ट हो
जाता है।
यह श्वास कुठार रस “श्वासकास चिंतामणि रस” से क्रिया में भिन्न
है। “श्वासकास चिंतामणि रस” पोषक और शोधक है जबकि श्वास कुठार रस आक्षेपध्न,
कफविलयक और तीक्ष्णता द्वारा वात नाशक है। पांचों ही प्रकार के श्वास में इसका
सेवन श्रेयष्कर होता है।
मात्रा: 2 से 8
रत्ती तक। मधु और पानी अथवा अदरक के रस के साथ। (1 रत्ती = 121.5 mg)
श्वास कुठार रस घटक द्रव्य और निर्माण विधि (Shwas Kuthar Ras Ingredients): शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक, शुद्ध वच्छनाग, सुहागे की खील और शुद्ध मनसिल 1.25-1.25 तोला, कालीमिर्च 10 तोला तथा सोंठ, मिर्च, पीपल 2.5-2.5 तोला लेकर प्रथम पारद और
गंधक की कज्जली बनावें और फिर अन्य औषधियो का चूर्ण मिलाकर अच्छी तरह खरल करें।
Ref: भावप्रकाश निघंटु
Shwas
Kuthar Ras is useful in asthma and cough.
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