शनिवार, 3 अगस्त 2019

पूर्णचंद्र रस के फायदे / Purnachandra Ras Benefits


पूर्णचंद्र रस (Purnachandra Ras) के सेवन से पुष्टि होती है तथा वीर्य और अग्नि की वृद्धि होती है। यह औषध पाचक, पोषक और शरीरवर्धक है। इसका सेवन आमवात (Rheumatism), वीर्यक्षीणता, कृशता (दुबलापन) आदि रोगों में शीघ्र बल, वीर्य और शक्तिवर्धक क्रियायें करता है। मस्तिष्क की नाड़ियों की दुर्गति में पूर्णचंद्र रस का उपयोग नाड़ियों का पोषण करता है, मस्तिष्क को सतेज करता है और शरीर परिश्रांति के कारण होनेवाले शरीर के दाह (जलन) और आलस्य को दूर करके शरीर की कांति को बढ़ाता है।

शरीर की कृशता को दूर करने के लिये पूर्णचंद्र रस को खिलाकर मुलैठी, असगंध, पीपल का चूर्ण, घी और शहद के मिश्रण को चटाना चाहिये। घी और शहद विषम मात्रा में लें। समान मात्रा में कभी न लें। समान मात्रा में घी और शहद लेने से विष तुल्य बन जाता है।
मात्रा: 1-1 गोली। शहद और घी के साथ। सुबह-शाम।

पूर्णचंद्र रस घटक द्रव्य (Purnachandra Ras Ingredients): शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, असगंध और गिलोय 1-1 भाग। क्षुद्रशंख (घोंघा), मोती और मंडूर की भस्म 1-1 भाग। भावना: मुलैठी का क्वाथ, विदारी कंद का रस और नागरवेल पान का रस।   

Ref: रस चंडांशु, रसेंद्र चिंतामणि

Purnachandra ras is nutritious, digestive and aphrodisiac. It is used for general debility.

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