कृमि कुठार रस (Krimi Kuthar Ras) का सेवन करने से 7 प्रकार के कृमि नष्ट
होते है। यह योग दोषशामक, रक्त दोषनाशक, दाह (जलन) नाशक, उदर वातनाशक (पेट की गेस नाशक), कृमिनाशक तथा ज्वरघ्न (बुखार नाशक) है। दिर्धकाल तक
कृमि विकार से पैदा हुई अंत्र (Intestine) की शिथिलता और अंत्र की वात नाड़ियों की
विकृत अवस्था को दूर करने के लिये यह कृमि कुठार रस बहुत ही उपयुक्त औषध है।
मात्रा: 1 से 2
गोली अवस्थानुसार पानी के साथ। सुबह-शाम। इस औषध में वच्छनाग है, इसलिये बच्चों को देने से पेहले चिकित्सक की सलाह लें।
कृमि कुठार रस
घटक द्रव्य और निर्माण विधि
(Krimi Kuthar Ras Ingredients):
कपूर 8 भाग, इंद्रजौ,
त्रायमाणा, अजमोद,
वायविडंग, शुद्ध सिंगरफ, शुद्ध मीठा तेलिया (वच्छनाग) और केशर। प्रत्येक
द्रव्य 1-1 भाग लेकर चूर्ण करके 1 दिन भांगरे के रस में भलीभांति घोटे। फिर 1 भाग
ढाक के बीज मिलाकर मूसाकन्नी और ब्राह्मी के रस में घोटकर 3-3 रत्ती की गोलियां
बनालें। (1 रत्ती = 121.5 mg)
Ref: रस राज सुंदर
Krimi
Kuthar Ras is useful in worms. It destroys seven types of worms.
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