कामाग्नि संदीपन
रस (Kamagni Sandipan
Ras) के सेवन से ओज (रस, रक्त,
मांस, मेद,
अस्थि, मज्जा और शुक्र – ये सात धातु है – इन
सातों के सार यानि तेज को “ओज” कहते है, उसे ही शास्त्र के सिद्धान्त से “बल”
कहते है। ओज प्राणो का उत्तम आहार है।), पुष्टि,
बल और काम की वृद्धि होती है। यह अत्युत्तम रसायन और सभी इंद्रियों को आनंद
देनेवाला है।
मात्रा: 3-3
रत्ती। नित्य प्रातःकाल दूध के साथ सेवन करावे।
कामाग्नि संदीपन
रस घटक द्रव्य और निर्माण विधि
(Kamagni Sandipan Ras Ingredients):
शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक, शुद्ध हिंगुल और शुद्ध मन्सिल। प्रत्येक 5-5 तोला
लेकर अदरक, धतूरे के बीज, सफेद जयंती और भांगरे के रस की 7-7 भावनाये दें।
तत्पश्चात उसे सुखाकर कांच की शीशी में भरकर 6 दिन तक बालुकायंत्र में पकावें और
शीशी के स्वांगशीतल होने पर औषध को निकाल ले तथा सूक्ष्म चूर्ण करके उसमें इलायची, जावित्री, कपूर,
कस्तुरी, मिश्री,
काली मिर्च और असगंध इनका समभाग मिश्रित चूर्ण औषध के बराबर मिश्रित करें।
Ref: भैषज्य रत्नावली
Kamagni Sandipan
Ras is aphrodisiac. It strengthens body and it is rejuvenative.
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