कल्याण सुंदर रस (Kalyan Sundar Ras) के सेवन से उरस्तोय (छाती के किसी भाग
में विशेष पानी का भर जाना यथा प्लुरिसी), ह्रदय रोग,
वक्षजवात, छाती से खून पड़ना और फुफ्फुस रोगों का
नाश होता है।
कल्याण सुंदर रस (Kalyan Sundar Ras) दोषशामक,
विषनाशक, दाह (जलन) नाशक, पोषक और श्लेष्मकलाओं (Mucous Membrane) के अंदर
होनेवाले एकज, द्वन्द्वज अथवा त्रिदोषज दोषों को दूर
करनेवाला है। छाती के वातज रोगों में यथा वातफुफ्फुसावर्णप्रदाह, जलीय फुफ्फुसावर्णप्रदाह, ह्रदावर्णप्रदाह,
श्वासकृच्छता, ह्रदावर्णकृच्छता आदि अनेक वायु द्वारा
होनेवाले विकारों में इसका प्रयोग किया जाता है।
मात्रा: 1 से 3
गोली तक। गरम पानी के साथ।
कल्याण सुंदर रस घटक
द्रव्य और निर्माण विधि
(Kalyan Sundar Ras Ingredients):
रससिंदूर, अभ्रक भस्म, चांदी भस्म, ताम्र भस्म, सोना भस्म और परिशोधित हिंगुल। प्रत्येक द्रव्य समान
भाग लें। भलीभांति मिश्रित करें। मिश्रित को चीते के क्वाथ में 1 भावना देकर
हाथीशुंडी के रस की 7 भावनाये दें। तदनंतर 1-1 रत्ती की गोलियां बनावें। (1 रत्ती
= 121.5 mg)
Ref: भैषज्य रत्नावली
Kalyan
Sundar Ras is useful in diseases of the chest, heart diseases and diseases of
the lungs.
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