वडवानल चूर्ण (Vadvanal Churna) के सेवन से अग्नि प्रदीप्त होती है। यह
चूर्ण दीपक, वातानुलोमक (वायु की गति को नीचे की तरफ
करने वाला) और मलशोधक है। वडवानल चूर्ण के सेवन से वात-कफ और आमज अंत्र (Intestine) विकार नष्ट होते है।
मात्रा: 2 से 3
ग्राम तक। उष्ण जल के साथ।
वडवानल चूर्ण घटक
द्रव्य और निर्माण विधि
(Vadvanal Churna Ingredients):
सैंधा नमक 1 भाग, पिपलामूल 2 भाग, पीपल 3 भाग, चव्य 4 भाग, चीता 5 भाग और हरड़ 7 भाग, प्रत्येक के सूक्ष्म चूर्ण को एकत्र कर प्रयोग में
लेवें।
Ref: शार्गंधर,
गदनिग्रह
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