सोमवार, 29 जुलाई 2019

उन्माद गजकेसरी रस के फायदे / Unmad Gajkesari Ras Benefits


उन्माद गजकेसरी रस (Unmad Gajkesari Ras) का सेवन उन्माद (Insanity), अपस्मार (Epilepsy), भूतोन्माद और बुखार में किया जाता है। यह औषध तीव्र वायु द्वारा होनेवाले नाड़ी विप्लव को दूर करती है। मस्तिष्क की शिथिलता, जड़ता तथा विप्लवता को दूर करती है।

उन्माद गजकेसरी रस (Unmad Gajkesari Ras) इंद्रिय, मन और बुद्धि को प्रसन्न तथा सब धातुओं की विकृति को शमन करके प्रकृति साम्य (Balance) बनाता है। जब वातप्रकोप अधिक हो; शरीर रुक्ष, शुष्क होगया हो; त्वचा का रंग कुछ काला प्रतीत होता हो, भोजन पुराना होने पर व्याधि का बल बढ़ता हो; उसपर और अपस्मार में यह रसायन लाभदायक है।

भूतोन्माद, जिसमें पहले के प्राप्त ज्ञान की स्मृति आने पर विद्वतापूर्वक व्याख्यान देना या वार्तालाप करना, उन्माद के वेग का समय अनिश्चित रहना, और कफोन्माद, जिसमें अरुचि, निस्तेजता, तंद्रा, अतिनिद्रा, उल्टी, लालास्त्राव आदि लक्षण हो, इन दोनों प्रकार के उन्माद में ब्राह्मी की भावनावाला उन्माद गजकेसरी रस अच्छा काम देता है। एवं मानसिक चिंताजनित और पित्तप्रधान उन्माद जिसमें क्रोध, निद्रानाश, दोड़ादोड़ी या मारपीट करना आदि लक्षण हो, उसमें यह रसायन बहुत थोड़ी मात्रा में ब्राह्मी धृत या ताजे दूध के साथ देना चाहिये। अथवा ताप्यादि लोह का सेवन कराना चाहिये। 

मात्रा और सेवन विधि: इस रस को 2 से 4 रत्ती (1 रत्ती=121.5 mg) लेकर घी के साथ चाटे। भोजन पथ्य दें। सूर्य के ताप या अग्निका सेवन, धूम्रपान और मानसिक चिंता को छुड़ा दें, तथा मन को प्रसन्न रखने का प्रयत्न करें।

उन्माद गजकेसरी रस घटक द्रव्य तथा निर्माण विधि (Unmad Gajkesari Ras Ingredients): शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, शुद्ध मंसिल और धतूरे के बीज। प्रत्येक द्रव्य समान लें। सबका चूर्ण बनाकर वच के क्वाथ और ब्राह्मी के रस की 7-7 भावनाये देकर रक्खे।

Ref: रस राज सुंदर

Unmad Gajkesari Ras is useful in insanity and epilepsy. It also promotes enthusiasm.

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