मंजिष्ठादि चूर्ण (Manjishtadi Churna) पेट के विकार और रक्त में रहे हुए विष (Toxin) को नष्ट करता है;
जिससे रक्तविकार
(खून की खराबी), पामा, त्वचा रोग और कब्ज दूर होते है। भोजन
हल्का पथ्य लेवें। अति खट्टे, अति नमकीन और अति चरपरे पदार्थो का सेवन
न करें। शक्कर वाले मधुर पदार्थ भी कम लें।
मात्रा: 4 से 6
ग्राम रात्रि को सोने के समय निवाये (न अधिक ठंडा न गरम) जल से।
मंजिष्ठादि चूर्ण
बनाने की विधि
(Manjishtadi Churna Ingredients):
मजीठ, गुलाब के फूल और निसोत 2.5-2.5 तोले, सनाय 10 तोले और मिश्री 40 तोले मिलाकर बारीक चूर्ण
करें।
Ref: वै. चि. सा. (वैध चिकित्सा सार)
Manjishtadi
Churna is useful in blood disorder, skin diseases and constipation.
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