गोक्षुरादि चूर्ण (Gokshuradi Churna) के सेवन से शरीर पुष्टि तथा वीर्य की
वृद्धि होती है। यह स्तंभक भी है। गोक्षुरादि चूर्ण के समस्त पदार्थ शरीर पोषक, शोधक (शरीर को शुद्ध करनेवाले), वर्धक, वीर्य उत्पादक, वीर्यस्तंभक, वीर्य में शीत (ठंडा) और पाक में मधुर
है। इसके सेवन से मूत्र स्वच्छ और निर्विकार आता है। दुर्बलता दूर होती है।
क्षीणता नष्ट होती है और स्तंभनशक्ति बढ़ती है।
मात्रा: 3 से 6
ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ।
गोक्षुरादि चूर्ण
घटक द्रव्य तथा निर्माण विधि
(Gokshuradi Churna Ingredients):
गोखरू, इक्षुमूल (ईख की जड), उडद, कौंच के बीज और शतावर प्रत्येक द्रव्य का
समान भाग चूर्ण लेकर भलीभांति मिश्रित करके चिकने पात्र में सुरक्षित रक्खें।
Gokshuradi
Churna is aphrodisiac. It is nutritious, strengthens and purifies the body.
Read
more:
0 टिप्पणियाँ: