रविवार, 2 जून 2019

रास्नादि चूर्ण के फायदे / Rasnadi Churna Benefits


रास्नादि चूर्ण के सेवन से आमवात (Rheumatism), संधिशोथ (सांधों में सूजन), वातज वेदना आदि वातज रोग नष्ट होते है।

यह रास्नादि चूर्ण पाचक, आमशोषक, मूत्रल, वातानुलोमक और रस तथा विपाक में कटु और वीर्य में उष्ण है। इसके सेवन से रुक्ष शीत गुण द्वारा कुपित वात के कारण होनेवाले आमवात आदि विकार नष्ट हो जाते है तथा परिपूर्ण ऊष्मा की वृद्धि होकर रक्त का परिभ्रमण बढता है और वात के कारण रहनेवाले अपुष्ट भागों को पोषण मिलता है। यह अंत्र में होनेवाले आम और वात रोगों को नाश करने के लिये उत्तम है।

मात्रा: 1.5 से 4 ग्राम तक। उष्ण जल के साथ। सुबह-शाम।

घटक द्रव्य तथा निर्माण विधि (Rasnadi Churna Ingredients): रास्ना, पुष्करमूल, सुहाञ्जना, बेलगिरी, चीतामूल की छाल, सेंधानमक, गोखरू और पीपल, इन 8 द्रव्यों के सूक्ष्म चूर्ण एकत्र मिश्रित कर प्रयोग में लेवें।

Ref: आ. वे. प्र. (आयुर्वेद प्रकाश),

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