बुधवार, 12 जून 2019

महामंजिष्ठादि क्वाथ के फायदे / Mahamanjisthadi Kwath Benefits


महामंजिष्ठादि क्वाथ 18 प्रकार के कुष्ठरोग (Skin Diseases), वातरक्त (Gout), उपदंश (Syphilis), श्लीपद (हाथीपगा), अंगशून्य, पक्षाघात, मेदोरोग (Obesity) और नेत्ररोग का नाश करता है। रक्तशुद्धि के लिये अति उपयोगी है। मेदोवृद्धि (Obesity) में महायोगराज गूगल के साथ दिया जाता है।

महामंजिष्ठादि क्वाथ रक्त शुद्ध करने वाली प्रधान औषधि है। रक्तविकार और चमड़ी के विकार नष्ट कर शरीर को पुष्ट और कांतिवान बनाता है। इसके सेवन से फोड़ा, फुंसी सदैव को नष्ट हो जाती है।

घटक द्रव्य (Mahamanjisthadi Kwath Ingredients): मजीठ, नागरमोथा, कूड़े की छाल, गिलोय, कुठ, सौंठ, भारंगी, कटेली पंचांग, बच, नीम की अंतरछाल, हल्दी, दारूहल्दी, हरड़, बहेड़ा, आंवला, पटोलपत्र, कुटकी, मूर्वा, वायविडंग, विजयसार, चित्रकमूल, शतावरी, त्रायमाण, पीपल, इन्द्रजौ, अड़से के पत्ते, भांगरा, देवदारु, पाढ़, खैरसार, लालचंदन, निसोत, वरने की छाल, चिरायता, बावची, अमलतास का गूदा, सहोढे की छाल, बकायन, करंज की छाल, अतीस, नेत्रबाला, इंद्रायन की जड़, धमासा, अनंतमूल और पित्तपपड़ा।

मात्रा: 15 से 30 ग्राम समान मात्रा में जल मिलाकर सुबह-शाम।

Ref: शा. सं. (शार्गंधर संहिता)

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1 टिप्पणी:

  1. महामंजिष्ठादी क्वाथ लेते हुए क्या नहीं खाना हे, और इसे निरोग होने के लिये कितने समय तक ले सकते हैं।

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