शनिवार, 1 जून 2019

लोह गुग्गुल के फायदे / Loha Guggul Benefits


लोह गुग्गुल के सेवन से गुल्म (Abdominal Lump), कुष्ठ (Skin Diseases), क्षय (TB), स्थूलता, सूजन, शूल, पांडु (Anaemia), प्रमेह, वातरोग और वलि-पलित (बाल सफेद होना) का नाश होता है।

लोह गुग्गुल अग्निवर्धक, सहज रेचक, रक्तशोधक, त्वकदोष नाशक, रक्तवर्धक, वातनाड़ीजन्य तथा रूक्षादि गुणों से प्रकुपित वातजन्य विकारो को नष्ट करती है। इसके सेवन से वातज और पित्तज विकार शीघ्र नष्ट हो जाते है। जलन, अजीर्ण, कुष्ठ, प्रमेह, स्थूलता, सूजन, शूल, गुल्म (Abdominal Lump) और वलि-पलित का भी इसके सेवन से नाश होता है।

मात्रा: 1 से 2 गोली सुबह-शाम उष्ण जल के साथ।

घटक द्रव्य तथा निर्माण विधि (Loha Guggul Ingrediets): स्नुही (थूहर) की छाल, खैर की लकडी, कटूमर के फल और छाल प्रत्येक 25-25 तोले लेकर सबको एकत्र कूटकर 8 गुने पानी में पकावे। जब चतुर्थांश जल शेष रहे तो उसे छानकर उसमें 25 तोले लोह भस्म मिलाकर पुनः पकावे जब वह गाढ़ा हो जाय तो उसमें सुहाञ्जने की जड के कल्क में लपेटकर पुटपाक विधि से कांडो की अग्नि में पकाई हुई पीली तपकी हरताल 10 तोले घी मिलाकर कुटा हुआ शुद्ध गुग्गुल 10 तोले मिलाकर पकावे। जब वह अवलेह के समान हो जाय तो उसे उतार लें। गाढ़ा होने पर 4-4 रत्ती (1 रत्ती = 121.5 mg) की गोलियां बनालें।

Ref: भा. भै. र. (भारत भैषज्य रत्नाकर 6258), र. र. (रस रत्नाकर)

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