सिंहनाद गुग्गुल
वात-पित्त-कफ के रोग, तथा खंज (एक पैर हीन या स्तंभित होना), पंगुता (दोनों पैर स्तंभित होना), कठिन श्वास, पांचो प्रकार के कास (खांसी), कुष्ठ (Skin Diseases), वातरक्त (Gout),
गुल्म (Abdominal Lump), शूल (दर्द), पेट के रोग तथा आमवात (Rheumatism) को नष्ट करता है। तथा सदैव सेवन करने से रसायन होता
है, वृद्धावस्था व बालों की सफेदी को दूर
करता है। इसमें घी, तैल,
मांसरस युक्त शालि या साठी के चावलों का पथ्य देना चाहिये। यह “सिंहनाद नामक गुग्गुल” रोगरूपी हाथी को मारने सिंह रूप
है तथा अग्निवृद्धि करता है।
सिंहनाद गुग्गुल से
कमर का दर्द, हाथ पैरो का दर्द और शरीर के किसी भी अंग
में होने वाला दर्द शमन हो जाता है। इसकी दूसरी खासियत यह है, कि यह कब्ज को तोड़ता है और कब्ज नहीं रहने देता। यह सिर्फ
दो से तीन दिन में ही अपना प्रभाव दिखाता है। युवा और वृद्धो को देने के लिए यह उत्तम
दर्द नाशक औषध है।
इसके सेवन से किसी-किसी को
रात को शौच के लिए उठना पड़ता है और एक से दो दस्त खुलकर हो जाते है। हम सालों से सिंहनाद
गुग्गुल को कमर दर्द, हाथ-पैरों में दर्द और शरीर के किसी भी जिससे
में दर्द के लिए अपनाते आ रहे है। यह 100 में से 80 रोगियों पर सफल हुआ है, कुछ रोगियों को इससे फायदा नहीं हुआ। परीक्षित है।
Sinhnad
Guggul is useful in asthma, coughing, skin diseases, gout, abdominal lump, head
ache, abdominal diseases and rheumatism. If Sinhnad guggul is used for long
term, it acts as rejuvenation, delays old age and blackens white hair. It
improves digestion, relieves constipation and destroys diseases.
We have
tested and tried Sinhnad guggul on many patients. It cures back ache, pain in
hand or feet or any part of the body. It also relieves constipation.
Dosage:
250 to 500 mg two times a day.
घटक द्रव्य (Sinhnad Guggul Ingredients): त्रिफला क्वाथ 12 तोला (1 तोला = 11.66
ग्राम), शुद्ध गंधक 4 तोला, गुग्गुल 4 तोला, एरंड तैल 16 तोला सबको लोहे की कढ़ाई में
पकाया जाता है।
मात्रा: 250 से
500 mg सुबह-शाम।
0 टिप्पणियाँ: