मन्मथाभ्र रस
प्रमेह और नपुंसकता की प्रसिद्ध औषधि है। इसके सेवन से कैसा ही निर्बल, निस्तेज वीर्य हिन रोगी हो, अवश्य ही बलवान और वीर्यवान हो जाता है। वृद्ध भी
तरुण हो जाने की इच्छा रखने वाले इसका व्यवहार कर प्रसन्न होते है। जो निरास थे, गृहस्थ धर्म के अयोग्य थे वह अब पुत्रवान इसके ही
सेवन से हो चुके है।
मात्रा: 125 mg से 250 mg गाय के दूध के साथ।
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