लिवोमीन सिरप (टेबलेट, द्रोप्स) यकृत (Liver)
के कार्य को सुचारु रूप से नियमित करती है। पित्त (Bile)
के स्त्राव को बढ़ाती है। यह अंग्रेजी ऐंटीबायोटिक दवाओं से उत्पन्न अनिष्टों से यकृत
की रक्षा करती है। इसके अतिरिक्त यकृत की सूजन,
जकड़न को दूर करती है। मदिरा (शराब) से होने वाले दूषण से यकृत की रक्षा करती है। पाचन
क्रिया को सुधार कर भूख बढ़ाती है। वजन में वृद्धि करती है, दस्त साफ करती है (कब्ज को दूर करती है)। यह मंदाग्नि, यकृत विकार, पीलिया (Jaundice)
के साथ यकृत में विकार, आदतन मदिरापान तथा यकृत पर चर्बी का जम जाना
इत्यादि में लाभप्रद है।
लिवोमीन सिरप यकृत
का बढ़ना, कब्जियत,
थकान लगना, बच्चों का सामान्य बढ़ना, सूक जाना, पीलिया,
बीमारी के बाद या ऑपरेशन के बाद की कमजोरी, खून की कमी, लीवर की खराबी की वजह से खून न बनना इत्यादि समस्याओ में
लाभप्रद है।
लिवोमीन सिरप, टेबलेट और द्रोप्स तीनों मिलते है। सभी के गुण और घटक
द्रव्य एक समान ही है।
मात्रा: वयस्कों को
2-3 चम्मच या 2-3 टेबलेट दिन में 2-3 बार। शिशुओं को 5 से 10 बूंद दिन में 2-3 बार
दें। बच्चों को ¼ से ½ चम्मच
दिन में 2-3 बार दूध-पानी या फलों के रस के साथ।
घटक द्रव्य (mg): Livomyn Syrup Ingredients:
भृंगराज – 250, धनिया – 250, गिलोय – 500, गुलाब पुष्प – 250,
गुलडावरी – 250, काकमाची – 500, कालीपाठ – 250, काली तुलसी – 250, कडात्वक – 250, मेंहदी पान – 250, निसोत – 250, पीपल – 250, पित्तपापडा – 250,
पुनर्नवा – 500, रोहितक – 250, सप्तरंगी – 250, श्रीपंखा – 250, सौंठ – 250, वायविडंग – 500 और कालमेघ – 500
Livomyn
syrup, tablets and livomyn drops is manufactured by Charak pharma.
मंथली प्रॉब्लम में यानी piriyat में काम सही से सुधार करने में कामयाब ह या नहीं
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