यह अमृतादि
गुग्गुल मेद (Obesity) रोग की अव्यर्थ औषधि है। जो मेद के बढ़ने
से दिन प्रतिदिन मोटे होते जाते है, साथ ही निर्बल और शिथिल होते जाते है
उनके लिये अमृत है। भगंदर रोग में भी विशेष लाभप्रद है। मेद रोग के साथ होने वाले
कास (खांसी), श्वास,
कृमि, ग्रहणी (Sprue),
ह्रदय रोग में भी लाभदायक है।
मात्रा: एक गोली
सुबह और एक गोली शाम को गुन गुने जल अथवा दूध के साथ निगलनी चाहिये। दूध औंटाकर
ठंडा कर मिश्री मिलाकर लें।
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