पंचतिक्त धृत
कुष्ठ (Skin Diseases), रक्त विकार (खून की खराबी) और वायु दोष
अर्थात वात व्याधि के लिये उत्तम औषध है। जिन रोगियों का खून दूषित होने से शरीर
में दर्द हो उनको विशेष लाभ देता है। तथा उपदंश (Soft
Chancre) से होने वाली गठिया इस से दूर हो जाती
है।
मात्रा: 10 से 12
ग्राम गुनगुने पानी के साथ मिला कर पीवें ऊपर से पान अथवा 20, 25 भुने चना खालें।
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