विरेचन चूर्ण
नवीन और पुराने कब्ज को दूर करता है, जिससे आंते तथा आमाशय (Stomach) शुद्ध बन जाते है। इसके दस्तों से कमजोरी नही आती, कोमल चित्त वाला भी ले सकता है। एक या दो दस्त सुबह
खुलकर हो जाते है।
इस चूर्ण में जमालगोटा है, इसलिये हम इस चूर्ण की अपेक्षा पंचसकार चूर्ण को अधिक पसंद करते है। और सबसे अधिक प्रभावशाली एरंड भृष्ट हरड़े चूर्ण है जिसके बारेमें हमने अर्शकुठार रस के आर्टिकल में लिखा है।
इस चूर्ण में जमालगोटा है, इसलिये हम इस चूर्ण की अपेक्षा पंचसकार चूर्ण को अधिक पसंद करते है। और सबसे अधिक प्रभावशाली एरंड भृष्ट हरड़े चूर्ण है जिसके बारेमें हमने अर्शकुठार रस के आर्टिकल में लिखा है।
विरेचन चूर्ण घटक
द्रव्य: सनाय, गुलाब के फूल, हरड़, बहेड़ा,
आंवला, बादाम की गिरि, कुलफा के बीज और शुद्ध जमालगोटा।
मात्रा: 1꠱ से 2
ग्राम चूर्ण को 3 ग्राम मिश्री मिलाकर रात्री को सोते समय लें। ऊपर गरम दूध अथवा
गरम जल पिवें।
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