यह मधुरांतक वटी
मधुरा (Typhoid) के विष (Toxin)
को बाहर निकालने के लिये अति उपयोगी है। मधुरा में लक्षमीनारायण रस के साथ इस वटी
का सेवन करने से सत्वर लाभ पहुंचता है। एवं सगर्भा स्त्रियों और बालको का ताप
उतारने के लिये निर्भयतापूर्वक दी जाती है।
मधुरांतक वटी में
तुलसी पत्र, गिलोय सत्व, लौंग, वंशलोचन,
धनिया, कासनी के बीज और इलायची यह सब औषध मिलाये
जाते है।
मात्रा: 2 से 4
गोली दिन में 3 बार जलके साथ देवें।
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