हिंग्वादि वटी के
सेवन से वातशूल (Neuralgia
= नसों का दर्द) कैसा ही
हो, तत्काल बंद हो जाता है। अफरा दूर होता है
तथा पचन-क्रिया प्रबल बनती है।
हिंग्वादि वटी घटक
द्रव्य: भुनी हिंग, अम्लबेत,
सौंठ, काली मिर्च, अजवायन, सैंधानमक,
बिडनमक और कालानमक।
मात्रा: 1 से 4
गोली दिन में 2-3 बार मट्ठे के साथ सेवन करें,
अथवा 1-1 गोली करके रस चूसते रहें।
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