सोमवार, 14 जनवरी 2019

हिंगवादि चूर्ण के फायदे / Benefits of Hingvadi Churna


हिंगवादि चूर्ण वातप्रकोप से उत्पन्न व्याधियां – पार्श्वशूल (कमर का दर्द), ह्रदयशूल (ह्रदय में दर्द), बस्तीशूल, वातज और कफज गुल्म (पेट के भीतर होने वाली गांठ), अफरा, मूत्रकृच्छ (पेशाब में जलन), गुदा और योनि में पीड़ा, ग्रहणी, वातज अर्श (वात के कारण होने वाला बवासीर), प्लीहा (Spleen), पांडु (Anaemia), अरुचि, फेफड़ों का जकड़ना, हिक्का, श्वास, कफ, खांसी और गले की जकड़ाहट आदि को दूर करता है।

हिंगवादि चूर्ण घटक द्रव्य: भुनी हिंग, सौंठ, कालीमिर्च, पीपल, पाठा, हाऊबेर, हरड़, कचूर, अजमोद, अजगंधा (बन तुलसी या बन अजवायन), इमली, अम्लबेंत, अनारदाना, पुष्करमूल, धनिया, जीरा, चित्रकमूल, बच, जवाखार, सज्जीखार, सैंधानमक, कालानमक, सांभरनमक, बीड़ लवण, समुद्र लवण और चव्य।

मात्रा: 2 से 3 ग्राम भोजन के पहले ताजे पानी से।

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