शुक्रवार, 25 जनवरी 2019

अरविन्दासव | बच्चो के लिये उत्तम औषध | Benefits of Arvindasava


अरविन्दासव बालको के सर्व रोगों का नाशक है, बच्चो को पुष्ट बनाता है तथा अग्नि को बढ़ाता है।

यह आसव बच्चो के सब रोगों पर उपयोगी है, ऐसा गुणपाठ है। छोटे बच्चो को होने वाले अस्थिवक्ता रोग पर इस औषधि का अच्छा उपयोग होता है। इस रोग में अस्तिया (हड्डियों) में विकार होता है। वह नरम बन जाती है, जिससे बालको के हाथ-पैर मूड जाते है, पतले हो जाते है और उनपर सलवट हो जाती है। नितंब प्रदेश बैठ जाता है। इस विकार में जीवनीय द्रव्यों की कमी होती है। फिर धातुपोषण योग्य नहीं होता। इस हेतुसे अवयवों को भी योग्य पोषण नहीं मिलता, उनका व्यापार ठीक नहीं चलता। खांसी, अपचन, पतले दस्त, पेट में अफरा, सारे दिन रोते ही रहना आदि लक्षण होते है। इस विकार पर अरविन्दासव जीवनीय द्रव्य की पूर्ति कर अग्निबल बढ़ाने का कार्य करता है।

सुजाक (Gonorrhoea) रोग के पश्चात शेष विष (Toxin) धातुओं में लीन रह जाता है; जिससे मूत्र में बार-बार जलन, मूत्र गाढ़ा हो जाना, मूत्र में पूय (Puss) या पिष्ट होना आदि लक्षण होने पर अरविन्दासव लाभदायक है। स्त्रियों के प्रदर विशेषतः रक्तप्रदर में यह उपयुक्त औषधि है।

मात्रा: बालको को 3 ग्राम से 6 ग्राम और बड़े मनुष्यो को 15 ग्राम से 30 ग्राम समान जल मिलाकर देवें।

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