शनिवार, 26 जनवरी 2019

अमृतप्राश धृत के फायदे / Benefits of Amritprash Ghrita


यह अमृतप्राश धृत मनुष्यो के लिये अमृत रूप ही है। यह शीतवीर्य (ठंडा), उत्तम पौष्टिक अवलेह है। यह कृश (दुर्बल), क्षीणवीर्य (जिनका वीर्य नष्ट हो चुका है), क्षीणदेह (दुबला), और क्षीण स्वरवाले को मोटा और बलवान बना देता है। एवं यह कास (खांसी), हिक्का, ज्वर (बुखार), क्षय (TB), रक्तपित्त, श्वास, तृषा, दाह (जलन), पित्तप्रकोप, वमन (उल्टी), मूर्छा, ह्रदय रोग, योनिरोग, मूत्ररोग आदिको भी नष्ट करता है। एवं यह मतानप्रद और पौष्टिक है। यह धृत राजयक्ष्मा (TB) और बालको के सूखा रोग में हितकारक है। विशेष स्त्रीसमागम करनेवाले, दुर्बल और ज्वर आदि रोगसे मुक्त हुए निर्बल मनुष्योंको पुष्ट बनाता है।

मात्रा: 5 से 10 ग्राम दिन में दो बार गाय के दूध या अन्य दूध के साथ सेवन करें।

सूचना: यह अमृतप्रश धृत शाकाहारी नहीं है। इस लिये जो शाकाहारी है वह इस्तेमाल न करें।

Previous Post
Next Post

0 टिप्पणियाँ: