सोमवार, 31 दिसंबर 2018

गुलकंद के फायदे | Benefits of Gulkand


गुलकंद (Gulkand) दाह (जलन), पित्त दोष और कब्ज को दूर करता है तथा मस्तिष्क को शांति पहुंचाता है। इससे स्त्रियों के गर्भाशय की गरमी शमन होकर अत्यार्तव (मासिक धर्म में ज्यादा रक्त जाना) रोग शांत हो जाता है।

पेट की गरमी के कारण मुंह में छाले पड़ते हो, तो भी गुलकंद उत्तम काम करता है। यह पेट की गरमी को निकलता है और कब्ज दूर करता है। इसके उपयोग से मुंह के छाले कुछ ही दिनों में भर जाते है। अगर इसके साथ-साथ छालों पर शहद और मुलेठी का चूर्ण मिलाकर लगाया जाय तो बहुत जल्दी ठीक हो जाते है, क्योंकि शहद और मुलेठी परम व्रणरोपण (घाव को भरने वाले) औषध है।

गुलकंद प्रवाल युक्त (Gulkand Praval Yukt) अत्यंत शीतल होता है। गुलकंद में प्रवाल पिष्टी, इलायची आदि शीतल औषध मिलाकर उसे अति गुण वाला बनाया जाता है। युवा, बालक, वृद्ध सब इसका सेवन कर सकते है। 

मात्रा: 10 से 25 ग्राम सुबह शीतल जल या दूध के साथ लेना चाहिये।

गुलकंद बनाने का तरीका (Gulkand Ingredients): मौसमी गुलाब के ताजे फूलोकी डीटें निकाल पंखड़ियो को अलग-अलग करके उनके 16 गुनी पिसी हुई मिश्री मिलावे। कलई अथवा कॉच के तसले में थोड़ी पंखड़िये और थोड़ी मिश्री को हाथसे मसलकर अमृतबान में डालते जायें । प्रथम अमृतबान के नीचे थोड़ी मिश्री की तह विछावें; उसपर पंखड़ियोकी मिश्री मिली तह लगावें। फिर केवल मिश्री, ऊपर पंखड़ियों और मिश्री मिली हुई तह रक्खे । इसी रीतिसे तहोको लगा सबके ऊपर मिश्री की तह डालें। फिर अमृतबान का मुंह बन्दकर कपड़मिट्टी करके रख दे । एक मास बाद गुलकन्द तैयार हो जाता है।

Gulkand has cool and calming effect. It is useful in constipation and irritation in any part of the body.

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