कामिनीविद्रावण
रस के सेवन से धातु
(वीर्य)का पतलापन, निर्बलता, मंदाग्नि और मस्तिष्ककी कमजोरी दूर होकर
वीर्यस्तंभन शक्तिकी वृद्धि होती है। कामिनीविद्रावण रस मे अफीम ज्यादा मात्रा मे
होने से यह वीर्य स्तंभन कर
ने मे उत्तम गुण दर्शाती
है और अन्य औषधियों के योग से वीर्य का पतलापन और निर्बलता और मस्तिष्क की कमजोरी
दूर होती है।
कामिनीविद्रावण रस वाजीकरण उत्तेजक द्रव्यों के समूह से
तैयार हुआ है। अफीम के योग से स्तंभन शक्ति परिपूर्ण है। ऐसी औषधियों का प्रयोग करते
हुये रोगियों के बल और सात्म्य का अवश्य निरीक्षण कर लेना चाहिये। ह्रदय के रोगी, मस्तिष्क के रोगी और कोष्ठबद्धता (कब्ज) के रोगियो पर
ऐसी औषधियो का सेवन विचार पूर्वक करना चाहिये। ऐसे द्रव्यों का सेवन करते हुये शरीर
की पुष्टि की ओर ध्यान अवश्य देना चाहिये। घी, दूध और अन्य पौष्टिक पदार्थो का सेवन करना चाहिये। वीर्यस्तंभन के लिये इसकी उपादेयता
सर्वथा अतर्क्य है।
सूचना: इस औषधमे
अफीम बहुत ज्यादा परिमाणमे है; अतः कम मात्रामे प्रकृति और ऋतुका विचार
करके सेवन करना चाहिये। अधिक दिनों तक सेवन करनेसे प्रकृति औषधिवष बन जाती है।
मतलब इस औषधिकी आदत हो जाती है; इस लिये थोड़े दिन सेवन करके औषधिको बंद
कर देना चाहिये।
मात्रा: 1-1 गोली
रोज शामको दूध के साथ ले।
घटक द्रव्य:
शुद्ध हिंगुल 6 माशे, शुद्ध गंधक 6 माशे, शुद्ध अफीम 8 तोले,
केशर, जायफल,
अकरकरा, जावित्री,
पीपल, लौंग,
सौंठ और लाल चंदन, ये आठ द्रव्य 2-2 तोले।
Ref: भै. र. (भैषज्य रत्नावली)
Kamini
Vidrawan Ras is aphrodisiac. It is useful in lower sperm count, indigestion and
general and mental debility.
Warning:
Kamini Vidrawan Ras contains opium. Do not use it for long time. It is habit
forming drug.
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जवाब देंहटाएंKis company ki lei
जवाब देंहटाएंKis company ki lei?
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