चन्दनादि लोह सब
प्रकारके विषम ज्वर (malaria) और जीर्ण ज्वर (लंबे समयसे आनेवाला
बुखार)को दूर करता है। जो बुखार थोडे दिन आता है,
थोडे दिन नहीं आता, एसे लंबे समय तक बार-बार आने वाले बुखारमे
यह चन्दनादि लोह अच्छा लाभ पाहुचाता है। इस औषधिका उपयोग निस्तेज मुखमण्डलयुक्त
रोगी, जिनको पांडुता (शरीर पीला पडजाना) और
प्रमेह
(spermatorrhoea) भी हो, उनके लिये अधिक सफल होता है। एवं चन्दनादि लोहके
सेवनसे नेत्र जलन, प्लीहावृद्धि (spleen enlargement), यकृत विकार (liver problem), मंदाग्नि (indigestion), पांडुता
(शरीर पीला पडजाना), शिरदर्द, दाह (जलन),
कृमि आदि दोष दूर होकर शरीर स्वस्थ और बलवान बनता है। यदि रक्त, रकताभिसरण और ह्रदयकी निर्बलताके हेतुसे जीर्णज्वर
बना रहता हो, तो चन्दनादि लोहके सेवनसे सत्वर लाभ
पाहुचता है।
मात्रा: 250 mg
से 500 mg सहदके साथ दिनमे दो समय।
Chandanadi
Lauh is especially useful in long-term fever and malaria. Chandanadi lauh also
cures irritation in eyes, spleen enlargement, liver problem, indigestion,
headache and worms.
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