यह अवलेह
फुफ्फुसोंमे संगृहीत दूषित कफको बाहर निकालनेका कार्य करता है। असाध्य कास (खांसी)
जिसमे पीला दुर्गंधमय कफ बार-बार निकलता रहता हो तथा मंद-मंद ज्वर, अग्निमांद्य, अति निर्बलता, छातीमे भारीपन, उत्साहका अभाव और पांडुता आदि लक्षण
प्रतीत हो, जिन रोगियोंको वैधोने रजा दे दी हो, तथा जीर्ण (लंबे समय का) कफ, कास (खांसी), पथ्यके अपालनसे कुपित हुई कास, इन सबको यह सत्वर नष्ट करता है। कफको सरलतासे बाहर
निकालता रहता है; तथा नयी उत्पत्तिमे प्रतिबंध करता है। क्षय
(T.B.)रोगीके लिये भी अति हितकर प्रयोग है।
सूचना: अवलेह
लेने पर 1 घंटे तक दूध नहीं लेना चाहिये।
मात्रा: 2 से 4
माशे (2 से 4 ग्राम) जलके साथ दिनमे 2 से 4 बार दे।
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