पंचगव्य धृत
अपस्मार (वाई=Epilepsy), उन्माद (Insanity),
सूजन (Swelling), उदररोग (पेट के रोग=Abdominal diseases), गुल्म
(Abdominal Lump), बवासीर (Piles), पांडु (Anaemia), कामला (Jaundice),
भगंदर (Fistula et ano) इत्यादि रोगोमें अमृतके समान लाभदायक है, चातुर्थिक ज्वर (Quartan
Fever)को नष्ट करता है।
पंचगव्य धृत की मात्रा: आधा से 1
तोला (6 से 12 ग्राम) दिनमे दो बार ले।
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