कासीस-गोदन्ती
भस्म आमप्रकोपसे उत्पन्न नवीन ज्वर (बुखार), मलेरिया (विषम ज्वर), जीर्ण ज्वर (लंबे समयसे आने वाला बुखार), पांडु, श्वेतप्रदर (white discharge), मंदाग्नि और आमवृद्धि (toxin)को दूर करके शरीरमे रक्तकी वृद्धि करती है। सगर्भा और
प्रसूता स्त्रियो और बालकोके लिए भी हितकारी है। मलेरिया आनेके 4 घंटे पहेले एक
मात्रा दूसरी मात्रा दो घंटे पेहले देनेसे ज्वर (fever)
रुक जाता है। कासीस भस्मके गुणोंसे विशेष गुण इस भस्ममे रहते है। क्यूकी गोदन्ती
सम्मिश्रण हो जानेसे कतिपय नूतन गुणोंकी उत्पत्ति होती है।
कितनेक नाजुक
प्रकृतिके रोगी, पित्तप्रधान प्रकृतिवाले, बालक, प्रसूता और सगर्भा आदिको विषमज्वर (Malaria) आनेपर तीव्र औषधि नहीं दे शकते, उनके लिये कासीसगोदन्ती भस्म अदरकके रस और शहदके साथ
दिनमें 2 या 3 बार देनेसे लाभ पहुंच जाता है। विषमज्वर (मलेरिया) प्रकुपित होनेपर
उसका विष मांस आदि धातुओमे लिन हो जाता है। फिर तीव्र दवा देने पर रोगीको
व्याकुलता बढ़ती है और अनेकोको कान, आँख और कृक्क आदि अवयवोपर बुरा असर पडता
है। एवं रक्तदबाव भी बढ़ जाता है। एसे रोगियोको कासीसगोदन्ती भस्म देते रहनेसे
कुच्छ दिनोंमे दूषित रोगविष जल जाता है फिर ज्वर शमन होकर शरीर सबल हो जाता है।
विषम ज्वर
(मलेरिया) अधिक दिन रहने पर प्लीहा (Spleen) बढ़ जाती है और मंदमंद ज्वर बना रहता है।
थोडासा अपथ्य या आहार विहारमे भूल होनेपर ज्वर बढ़ जाता है। उन रोगियोको पथ्य
पालनसह कासीसगोदन्ती भस्म 4 से 6 रत्ती मात्रामे अमृतारिष्टके साथ थोड़े दिनों तक
देते रहनेपर प्लीहागत किटाणु और विष नष्ट होकर स्वस्थ्यकी प्राप्ति हो जाती है।
मासिकधर्ममे
विकृति होनेपर अनेक युवतियोको बाहर निकलने योग्य दूषित रजका स्त्राव योग्य नहीं
होता। कुच्छ न कुच्छ अंशमे रक्तमे शोषित हो जाता है। फिर गर्भाशय शोथ (Swelling) या बीजाशय शोथ, श्वेतप्रदर, पांडुता, द्रष्टिमांद्य, शिरदर्द, कटिवेदना (कमरमे
दर्द) आदि उपद्रव उत्पन्न होते है। इस रोगमे कासीसगोदन्ती भस्म अशोकारिष्ट या
कुमर्यासवके साथ देते रहनेपर 2-3 मासमे मासिकधर्मकी शुद्धि होती है और नियमित बन
जाता है।
मात्रा: 1 से 3
रत्ती (1 रत्ती = 121.5 mg) मिश्री और दूध या शहदके साथ दे। विषम ज्वर (Malaria)मे अदरखके रस और शहदके साथ।
Kasis
Godanti Bhasma is useful in new fever, malaria, long-term fever, leucorrhoea (white
discharge), indigestion and it is especially useful in malaria.
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