रविवार, 22 अप्रैल 2018

तालीसादि चूर्ण के फायदे / Benefits of Talisadi Churna


तालीसादि चूर्ण (Talisadi Churna) अति दिव्य है। अरुचि और मलावरोध सह अग्निमांद्यको दूर करता है। पित्तज, कफज, वातज, तीनों दोषप्रकोपसे उत्पन्न विकारोको दूर करता है। संग्रहणी, क्षय, खांसी, दमा, अरुचि, प्लीहा, अर्श (बवासीर), अतिसार, ताप, वायु, स्थूलता, प्रमेह, मृगी, पांडु (Anaemia), गोला, उदररोग (पेट के रोग), कफज व्याधि, पित्तज व्याधि, चित्त भ्रम, अफरा, विसूचिका (Cholera), मंदाग्नि इत्यादि रोगोका नाश करता है। तालीसादि चूर्ण बालकोके लिए भी अति हितकर है। वाणीकी स्पष्टता, पुष्टि, आयुष्य, बल, कांति, बुद्धि, स्मृति और धारणाशक्तिको देनेवाला है।


तालीसादि चूर्ण घटक द्रव्य और निर्माण विधि (Talisadi Churna Ingredients): तालीसपत्र 1.25 तोला, कालीमिर्च 2.5 तोला, सोंठ 3.75 तोला, पीपल 5 तोला, वंसलोचन 6.25 तोला, इलायची 7.5 माशे, दालचीनी 7.5 माशे और मिश्री 40 तोले। प्रत्येक द्रव्य का चूर्ण लेकर एकत्र खरल करें। यदि गोली बनानी हो तो शर्करा की चसनी में सब द्रव्यों को मिश्रित करें और गोलियां बनावें।

Talisadi Churna is useful in indigestion, constipation, sprue, diarrhoea, tuberculosis, cough, anorexia, anaemia, abdominal diseases, diseases due to vitiation of all the three doshas and flatulence. Talisadi churna is also useful for children. It improves voice, strengthens the body, improves intelligence, memory and elongates the age.

Ref: योगरत्नाकर

मात्रा: 3 से 4 माशे (1 माशा = .97 ग्राम ) तक दिनमे 3 बार जलके साथ। भांगमिश्रित चूर्णकी मात्रा 1 से 2 माशे।  

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