शिर:शुलादिवज्र रस (Shir Shuladi Vajra Ras) वातिक, पैत्तिक,
श्लेष्मिक और त्रिदोषज शिरदर्दको तत्काल इस तरह नष्ट करता है। जिस तरह वज्र छोडने पर असुरों का नाश होता है। एक
दोषज, द्विदोषज और त्रिदोषज सब प्रकारके
शिर:शूलको शमन करता है।
किसी-किसी को बिना कारण हर-रोज शिर दर्द होता रहता है, ऐसे मनुष्य अगर 5 से 6 दिन तक लगातार 2-2 गोली शिर:शुलादिवज्र रस सुबह-शाम सेवन करे तो फिर कभी शिर दर्द नहीं होता। परीक्षित है। लंबे समय तक इसका सेवन न करें, क्योंकि इसमें पारद है। अगर इसके साथ पथ्यादि क्वाथ का भी सेवन किया जाय तो बहुत ही जल्दी और लंबे समय का फायदा हो जाता है।
किसी-किसी को बिना कारण हर-रोज शिर दर्द होता रहता है, ऐसे मनुष्य अगर 5 से 6 दिन तक लगातार 2-2 गोली शिर:शुलादिवज्र रस सुबह-शाम सेवन करे तो फिर कभी शिर दर्द नहीं होता। परीक्षित है। लंबे समय तक इसका सेवन न करें, क्योंकि इसमें पारद है। अगर इसके साथ पथ्यादि क्वाथ का भी सेवन किया जाय तो बहुत ही जल्दी और लंबे समय का फायदा हो जाता है।
मात्रा: 1 से 2 गोली दिनमे दो या तीन बार बकरीके दूध, गौके दूध, शहद, पथ्यादि क्वाथ या जलके साथ देवे।
Shir
Shuladi Vajra Ras is useful in any type of headache.
शिर शूलादि वज्र रस
घटक द्रव्य (Shir Shuladi Vajra Ras Ingredients): शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक, लोह भस्म, ताम्र भस्म प्रत्येक 5-5 तोले; शुद्ध गुग्गुल 20 तोले,
त्रिफला चूर्ण 10 तोले; मुलैठी,
सोंठ, गोखरू,
वायविडंग और दशमूल 7.5-7.5 माशे। भावना: दशमूल क्वाथ। (1 तोला=11.66 ग्राम; 1 माशा=0.97 ग्राम)
Ref: भैषज्य रत्नावली
Read
more:
Not able to understand what s written, pls correct it first n then post.
जवाब देंहटाएंMigraine ke liye useful hai na ye
जवाब देंहटाएंजी हा, यह Migraine में भी उपयोगी है। अगर आप कड़वी दवा पी सकते है, तो पथ्यादि क्वाथ का इसके साथ सेवन करें तो अधिक फायदा होगा। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंSir synus me ye dava leni h ya nahi agar sirdard na ho to
जवाब देंहटाएं