शनिवार, 28 अप्रैल 2018

मदनमोदक के फायदे / Benefits of Madan Modak


मदनमोदक के सेवनसे नष्टेन्द्रिय, नष्ट शुक्र (नष्ट वीर्य) और वलिपलित व्याप्त जर्जरित वृद्ध भी युवाके समान हर्षायुक्त होकर मंदोंमत स्त्रियोके प्रीति-पात्र बनजाते है, और ग्रहणी, श्वास, कास (खांसी), अर्श (piles), प्रमेह, मधुमेह (Diabetes), सब रोग दूर होकर शरीर हष्ट-पुष्ट और तेजस्वी बन जाता है। यह पाक परम रसायन है।

मदन मोदक घटक द्रव्य: सुवर्ण सिंदूर, लोह भस्म, अभ्रक भस्म, वंग भस्म, जलवेत के बीज, चोपचीनी, सेमल का कंद, धामन की छाल, केशर, जीरा, जायफल, लौंग, समुद्रशोष, सोंठ, मिर्च, पीपल और वंशलोचन, ये 17 औषधियाँ 6-6 माशे। जावित्री, शतावरी, मुनक्का, खरैटी की जड़, काकड़ासींगी, छोटी इलायची के बीज, कौच के बीज, मीठ कुठ, नागरमोथा, विदारीकंद, पेठा, नागकेशर, जटामांसी, शुद्ध कपूर, शीतलचीनी और गोखरू, ये 16 औषधियाँ 2-2 तोले। भुनी भांग सबसे आधी और सबसे दुनी मिश्री।

Ref: रसयोगसार

मात्रा: 1 से 2 गोली सुबह-शाम मिश्री मिले दूधके साथ सेवन करे। मात्रा धीरे-धीरे बढ़ावे। 
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2 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. जी दोनों एक नहीं है। हमने रिसर्च किया तो पता चला के दोनों एक नहीं है। मदन मोदक बनाने के लिये रसयोगसार का Reference लिया जाता है और मदानन्द मोदक के लिये भैषज्य रत्नावली का Reference लिया जाता है। धन्यवाद

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