मदन मंजरी वटी (Madan Manjari Vati) कामोत्तेजक, वीर्यवर्द्धक और बल्य है। नवयुवकों के
लिये हितकारक है। इसके सेवन से वीर्य की वृद्धि होकर वह गाढा और सुद्ध बनजाता है।
शीतकाल में इसका सेवन करनेपर सत्वर लाभ मिलता है। इसमें अफीम न होनेसे यह बिल्कुल
निर्भय औषधि है।
मात्रा: 1 से 2
गोली दिनमें 2 बार मिश्री मिले दूधके साथ।
मदनमंजरी वटी घटक
द्रव्य (Madan
Manjari Vati Ingredients):
रससिंदूर, अभ्रक भस्म, वंग भस्म, प्रवालपिष्टी, केशर, जायफल,
जावित्री, लौंग,
छोटी इलायची के दाने, अकरकरा और सफेद मिर्च, ये 11 औषधियाँ 1-1 तोला, सुवर्ण भस्म 6 माशे,
कपूर 6 माशे, कस्तुरी और अंबर 1.5-1.5 माशे। भावना: नागरबेल
के पान का रस।
Ref: र. त. सा. (रस तंत्र सार)
दूसरी विधि:
मदनमंजरी वटी घटक द्रव्य तथा निर्माण विधि (Madan Manjari Vati Ingredients):-अभ्रकभस्म 4 भाग, वंगभस्म
2 भाग, पारदभस्म (अभाव मे रससिन्दुर) 1 भाग, शतावर का चूर्ण 7 भाग तथा दालचीनी, तेजपात, इलायची, नागकेसर, जायफल,
कालीमिर्च, सोंठ, लोग,
और जावित्री का चूर्ण 2-2 भाग लेकर सबको एकत्र घोटकर उसमें सबसे 2
गुनी (68 भाग) खांड और आवश्यकतानुसार घृत और मधु मिलाकर 2-2 रत्ती की गोलियां
वनाले ।
Ref: योग तरंगिणी
गुणधर्म: इस मदन मंजरी वटी (Madan Manjari Vati) के सेवन करने से कामशक्ति
अत्यन्त प्रबल हो जाती है । यह औषध वात, पित्त, क्षय को नष्ट करनेवाली, बुद्धिवर्द्धक, रोगनाशक, वृष्य (पौष्टिक), रसायन
और वाजीकरण है। इसका सेवन धातुवर्द्धक, कान्तिवर्द्धक, ओजप्रद और शरीर पोषक होता है । जीर्ण-शीर्ण शरीर में यौवन का विकास लाने
के लिये इसका सेवन हितावह है।
मात्रा:-1 से 4 गोली तक । दूध के साथ । अग्निबलानुसार ।
Madan Manjari Vati is aphrodisiac. It is nutritious and tonic.
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