कस्तूरी भैरव रस (Kasturi Bhairav Ras) ज्वर की
तरुणावस्था (बुखार की शुरुआत में) आम (अपक्व अन्न रस जो एक प्रकार का विष बन जाता है और शरीर में रोग पैदा करता है)-पाचन और ज्वर शमनार्थ (बुखारको रोकने के लिये) दिया जाता है। इस औषधि के
सेवन से 14 दिन के मुद्दती ताप प्रलापक सन्निपात (Typhus
Fever) और 21 दिन के मुद्दती ताप आंत्रिक
सन्निपात (Typhoid Fever) में रोगी की शक्ति स्थिर रहती है, और समय पूरा होनेपर ज्वर चला जाता है। जिन रोगियों के
जीवन की आशा छुट गई हो; ऐसे मोतीझरा (Typhoid) के अनेक रोगी ब्राह्मी क्वाथ के साथ इस औषधि के सेवन से
सुधर गये है। कस्तूरी भैरव रस कोमल प्रकृतिवालो और बालको के लिये भी हितकर है। प्रसूता के
धनुर्वात, कंप,
दांत भिंचना, श्वास,
कास (खांसी) और ह्रदयावरोध को सत्वर (जल्दी) दूर करता है। हिस्टीरिया, अपस्मार (Epilepsy),
उन्माद (Insanity) और मूर्च्छा में मस्तिष्क को शांत रखता है,
और ह्रदय को भी सबल बनाता है।
मात्रा: 2 से 3
गोली दिनमे 2 से 3 समय जल या रोगानुसार अनुपानके साथ देनी चाहिये। बच्चों को कोई भी दवा देने से पहेले चिकित्सक की सलाह लें।
कस्तूरी भैरव रस घटक द्रव्य (Kasturi Bhairav Ras Ingredients):
शुद्ध हिंगुल, शुद्ध वच्छनाग, सोहागे का फुला, जावित्री,
जायफल, कालीमिर्च,
पीपल और कस्तुरी, सब समभाग। भावना: नागरबेल के पान का रस।
Ref: र. रा. सुं. (रसराजसुंदर)
Kasturi Bhairav Ras is useful in fever, Typhus fever and typhoid fever.
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